नमस्कार दोस्तों , आज हम बात करेंगे गुलाब के पौधे की देखभाल कैसे की जाती है
गुलाब सभी लोगो को पसंद आने वाला बहुत ही शानदार पौधा हैं। गुलाब अपने लाल, गुलाबी खुश्बूदार गुलाब (Rose Flower) रंग के किसी का भी दिल जीत लेंगे. घर में लगे गुलाब के पौधे जहां घर की शोभा बढ़ाते हैं, वहीं इनकी हवा में बिखरी खुश्बू हर माहौल को खुशनुमा बना देती है और सबका मन मोह लेती है. ऐसे में लोग अपने घरों में गुलाब के पौधे (Rose Plant) लगाना पसंद करते हैं. आपके घर की बगिया में लगे ढेर सारे गुलाब के पौधे और इन पर आने वाले फूलों की वजह से आस-पास का वातावरण भी सुंदर लगता है। हर कोई चाहता है की सुन्दर-सुन्दर गुलाब क फूल उसके बगीचे की शोभा बढ़ाये , लेकिन गुलाब की सही से देखभाल न होने के कारण फूल सुख जाते है या लगते ही नहीं है या फिर बहुत ही कम संख्या में लगते है। बहुत से लोग ऐसे भी है जो पौधे को ही मार देते है। गुलाब तभी अच्छी तरह खिलेंगे जब इनके पौधों को ठीक से लगाया जाएगा और इनकी पूरी देखभाल की जाएगी. ऐसे में इनकी सही देखभाल के लिए कुछ बातें ध्यान रखने की जरूरत है-
गुलाब के लिए मिटटी का चयन
गुलाब की अच्छी ग्रोथ करने के लिए सही मिटटी का चयन बहुत आवशयक है। गुलाब को बलुई, दोमट मिट्टी, जिसमें कार्बनिक पदार्थ की मात्रा भरपूर हो, की जरूरत होती है। चिकनी मिट्टी में गुलाब फलता फूलता नहीं है। गुलाब को अच्छी ग्रोथ क लिए अधिक मात्रा में पोषक तत्व की जरुरत होती है। इसके लिए गार्डन साइल या काली मिटटी सबसे अधिक उपुक्त मानी गयी हैं। गुलाब के लिए एसिड साइल ( अम्लीय भूमि ) सबसे जिसकी ph 4.5- 5.5 के बीच में हो।
मिटटी तैयार करना
गुलाब के लिए मिटटी तैयार करने क लिए आप सबसे पहले आप इक हिस्सा गार्डन साइल ले ले, उसमे आप इक हिस्सा केंचुआ खाद मिला दे , इक हिस्सा उसमे आप नारियल का बुरादा मिला कर अच्छी तरह छांव में सूखा ले। अब आप तैयार मिक्सचर में 10 gm नीम व् 5 ग्राम सरसों की खली मिला ले।
पौधे का स्थानांतरण
अगर आप पौधे का स्थानांतरण पॉलिथीन बैग से कर रहे है तो आप इक ब्लेड की मदद से पॉलिथीन को काट देंगे और रुट बाल को बिना डिस्टर्ब किये गेमले या जमीं में शिफ्ट कर दे। तैयार की हुई मिटटी की उसके साइड में भर दे । अगर आप किसी पुराने गमले से या बड़ी पॉलिथीन बैग से दूसरे गमले में शिफ्ट कर रहे है तो आप पौधे को आराम से गमले से निकल कर छांव में रख दे और साइड से हलकी हलकी मिटटी हटा दे। तैयार मिसरण को शिफ्टिंग के लये काम में ले
गुलाब में लगने वाली बीमारिया
गुलाब में कई बार पतियों पे हलके काले रंग के निशान दिखाई देते है जो की इक फंगस के कारण होता है। गुलाब में किसी बीमारी या रोग के लक्षण दिखाए दे तो तुरंत प्रभाव से फफूदीनासक का उपयोग करना चाहिए। आप saaf नामक फफूंदीनाशक का 2 gm / लीटर पानी का घोल बनाकर पौधे पर छिरकाव करेंगे तो बीमारी खत्म हो जाएगी ।
कीड़े मकोड़ो से देखभाल
अगर गुलाब के पेड़ पर कोई किट या पतंगों का अटैक होता है तो आप नीम आयल का इस्तेमाल के सकते है। अगर फाई भी कंट्रोल न होतो किसी भी रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल आप कर सकते है। उदहारण के तोर पर आप मेलाथिओन 2 gm / लीटर पानी में मिलाकए स्प्रे / छिड़काव कर दे।
सामान्य देखभाल
- पानी हो सके तो शाम के समय दे।
- सूखे फूल हुए पतियों को तुरंत हटा दे।
- हर सप्ताह अच्छी तरह निराई गुड़ाई करे
- हर 10 दिन में खाद की उचित मात्रा परदान करे।
- जयादा फूल क लिए एपसन साल्ट का प्रयोग करे।
- मिटटी का ph लेवल मेन्टेन करे।
गुलाब के पौधे से बनने वाले कुछ उत्पाद –
गुलाब जल : गुलाब जल गुलाब की पंखुड़िये से प्राप्त होता हैं। गुलाब जल बनाने की बनाने की कई विधि है जिनमे वाष्प या आसवन विधि जयादा उपयोद में लाये जाती हैं। गुलाब जल का प्रयोग फ़ारसी और मध्य पूर्वी देशों में मिठाईया और सरबत बनाने में किया जाता है। औषधीय गुणों की वजह से गुलाब जल को आँखों को साफ करने व चेहरे पर नमी बनाये रखने क लिए भी काम में लिया जाता है। इसके अलावा शादी , धार्मिक समारोह में भी गुलाब जल का बहुत उपयोग होता है।
गुलाब सरबत : गुलाब सरबत भी गुलाब की पत्तियों से ही तैयार किया जाता है , गुलाब शरबत ठंडी प्रकृति के कारन कई प्रकार के रोगो में लफदायक है। गुलाब शरबत का उपयोग आँखों में जलन, आँखों में सूखापन ,आंखे लाल रहना , पेशाब में जलन , पेट में जलन, शरीर गरम रहना जैसी शारीरिक समस्याओ को दूर करने में सहायक है।
