“महंगे खाद और किसान “
“महंगे खाद और किसान
:- सरकार ने किसानों को 2020-21 में उर्वरक सब्सिडी 1,27,921 करोड़ रूपये रही जो साल 2021-22 में बढ़कर 1,40,122 करोड़ हो गई।
:- इस साल के बजट में 25 प्रतिशत घटाकर 1,05,222 करोड़ कर दी है ।
:- अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगातार खादों के रेट बढ़ जो हम किसानों को भी देखने को मिले । यह तय है कि आने वाले समय में खादों के रेट कम नहीं होने वाले है।
“किसान क्या करें”
:- एकीकृत पोषक तत्त्व प्रबंधन(integrated nutrient management) हमें जैविक और अजैविक तरीकों को मिलाकर अपना खर्चा कम करना है और पैदावार बढानी है ।
:- मिट्टी जांच – अगर हम बिजाई से पहले मिट्टी जांच करवा ले तो हमारा खादों के ऊपर होने वाला खर्चा भी बचेगा और पैदावार भी बढेगी ।
:- जैविक- गोबर की खाद ,केंचुएं की खाद, हरी खाद , सभी तरह की खली आदि खेतों में डालना है जिस से उपजाऊ शक्ति के साथ साथ पोषक तत्व की पूर्ति हो।
:- अजैविक – urea की जगह नैनो यूरिया का प्रयोग, ज्यादा से ज्यादा स्प्रे के माध्यम से पोषक तत्वों की पूर्ति हो। अंधाधुंध खाद डालने से बचे ।
