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कपास में गुलाबी सुंडी की रोकथाम

गुलाबी सुंडी की रोकथा

जैसा नुक्सान गुलाबी सुंडी ने पिछले साल हम्हारे यहाँ किया था वैसा हि नुक्सान 2017 में महाराष्ट्र में भी हुआ था । उसके बाद “refugia strategy” को अपनाया गया । इस के अनुसार किसानोें को 450 ग्राम bt बीज के साथ 25 ग्राम non bt का भी बीज दिया जाने लगा।

:- मेरे प्यारे किसान साथियो जो छोटा packet नॉन बीटी का दिया जाता है उसे फेकना नहीं है । यह बड़े काम कि चीज है। इसे खेत के चारों तरफ लगाए जिस से कि इस सीजन में गुलाबी सुंडी का नुक्सान कम होगा। साथ हि साथ अगले सीजन में गुलाबी सुंडी की नस्ल कमज़ोर पैदा होगी।

:- आप कपास के खेत में अरहर भी लगा सकते है ।

:- जब फसल 45 दिन की हो जाए तो तब खेत में 6 – 8 फेरोमोन ट्रैप लगाए।
:- पिछले साल के नरमा के अवशेष हो तो उसे नष्ट कर दें ।

“कपास में किट नियंत्रण”

:- मेरे प्यारे किसान साथियो आज हम बात करेंगे ट्रैप (trap) फसल की

:-ट्रैप फसल वो फसल होती है जो मुख्य फसल के साथ बोई जाती है ताकि वो मुख्य फसल के किट पतंग अपनी और आकर्षित कर सके ।जिस से मुख्य फसल को कम नुकसान हो ।

:- कपास की ट्रैप फसल भिंडी है। कपास मे हम भिंडी बोये । इस से कपास के किट भिंडी कि और आकर्षित होंगे।

:- 15 लाइन कपास के बोने के बाद 1 लाइन भिंडी की बोये । इस से काफी हद तक किटों का नियंत्रण कर सकते है ।

“किटनाशकों का असरकारक उपयोग”

:- मेरे प्यारे किसान साथियो जब भी पहला स्प्रे करें वो नीम के तेल का करें। अगर साथ में 50 -100 ml प्रति टंकी गोमूत्र और मिला दे तो गज़ब के रिजल्ट आएँगे ।

:- जब दूसरा स्प्रे करें तो केमिकल किटनाशक की डोज आधी कर दे। साथ में नीम का तेल भी मिला दे । हमारी ज़मीन में ज़हर भी कम जाएगा ।साथ में कीटो का कण्ट्रोल भी ज्यादा अच्छे से होगा।

:- जब भी स्प्रे करें शाम के समय करें क्यूँ कि सुबह अपने मित्र किट भोजन के लिए आते हैं और शाम के समय दवाई भी ज्यादा असरकारक होती है।

:- कोई भी स्प्रे करें गोंद ( स्टिक,एक्टिवेटर, स्प्रेडर) जरूर मिलाये । अगर यह भी ना मिले तो शैम्पू का 1 पाउच 15 लीटर की टंकी में मिलाये।

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